योगी आदित्यनाथ ने जून मध्य तक बाढ़ प्रबंधन की तैयारियां पूरी करने के दिए आदेश

योगी आदित्यनाथ ने एक उच्च स्तरीय बैठक में बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की

   लखनऊ (रोज़ाना ब्यूरो)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगामी मानसून के दौरान बाढ़ के संभावित खतरे से निपटने के लिये अधिकारियों को सभी तैयारियां 15 जून तक पूरी कर लेने के निर्देश दिये हैं। मुख्यमंत्री ने बुधवार को यहां एक उच्च स्तरीय बैठक में बाढ़ प्रबंधन की तैयारियों की समीक्षा की और जरूरी दिशा-निर्देश दिए। विशेष बैठक में बाढ़ की दृष्टि से अतिसंवेदनशील/संवेदनशील जिलों के जिलाधिकारियों ने भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शिरकत की और अपनी तैयारियों की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक जन-धन हानि के लिए दशकों तक कारक रही बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिए पिछले छह वर्षों में किए गए सुनियोजित प्रयासों के अच्छे परिणाम मिले हैं। बाढ़ की दृष्टि से अति संवेदनशील जिलों की संख्या में अभूतपूर्व कमी आई है। विशेषज्ञों की सलाह के अनुसार हमने आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग कर बाढ़ से खतरे को न्यूनतम करने में सफलता पाई है। बाढ़ से जन-जीवन की सुरक्षा के लिए अंतरविभागीय समन्वय से अच्छा कार्य हुआ है। इस वर्ष भी बेहतर समन्वय, क्विक एक्शन और बेहतर प्रबन्धन से बाढ़ की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित कराई जाए।
उन्होने कहा कि जन-धन की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता देते हुए 2017-18 से अब तक 982 बाढ़ परियोजनाएं पूरी की गईं। इसमें 282 परियोजनाएं अकेले वर्ष 2022-23 में पूरी की गई हैं। वर्तमान में 265 नई परियोजनाएं, सात ड्रेजिंग संबंधी परियोजना और पूर्व से संचालित 140 परियोजनाओं सहित कुल 412 परियोजनाओं पर कार्य किया जा रहा है। यह सुखद है कि इनका 50 फीसदी कार्य पूरा हो गया है। अवशेष कार्य नियत समय के भीतर पूरा करा लिया जाए।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रदेश में बाढ़ की दृष्टि से 24 जिले अति संवेदनशील श्रेणी में हैं। इसमें महाराजगंज, कुशीनगर, लखीमपुर खीरी, गोरखपुर, बस्ती, बहराइच, बिजनौर, सिद्धार्थनगर, गाजीपुर, गोण्डा, बलिया, देवरिया, सीतापुर, बलरामपुर, अयोध्या, मऊ, फर्रुखाबाद, श्रावस्ती, बदायूं, अम्बेडकर नगर, आजमगढ़, संतकबीर नगर, पीलीभीत और बाराबंकी शामिल हैं जबकि सहारनपुर, शामली, अलीगढ़, बरेली, हमीरपुर, गौतमबुद्ध नगर, रामपुर, प्रयागराज, बुलन्दशहर, मुरादाबाद, हरदोई, वाराणसी, उन्नाव, लखनऊ, शाहजहांपुर और कासगंज संवेदनशील प्रकृति के हैं।

Leave A Reply

Your email address will not be published.