संसद में मंजूरी के लिए रणनीतिक कौशल की होगी जरूरत,संविधान में करने पड़ सकते हैं 18 संशोधन

नई दिल्ली – भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के लिए मौजूदा परिदृश्य में ‘एक देश, एक चुनाव’ को हकीकत में बदलने के लिए जरूरी सांविधानिक संशोधनों को पारित कराना कठिन कार्य हो सकता है। एक साथ चुनाव कराने को लागू करने के लिए सरकार को संविधान में 18 संशोधन करने पड़ सकते हैं। एनडीए को 543 सदस्यीय लोकसभा में 293 सांसदों और 245 सदस्यीय राज्यसभा में 119 सांसदों का समर्थन हासिल है। संसद में किसी सांविधानिक संशोधन को पारित करने के लिए प्रस्ताव को लोकसभा में साधारण बहुमत के साथ-साथ सदन में उपस्थित और मतदान करने वाले दो-तिहाई सदस्यों का समर्थन प्राप्त होना आवश्यक है। यदि किसी सांविधानिक संशोधन पर मतदान के दिन लोकसभा के सभी 543 सदस्य उपस्थित हों तो विधेयक को पारित करने के लिए 362 सदस्यों के समर्थन की आवश्यकता होगी। लोकसभा में विपक्षी गठबंधन के 234 सदस्य हैं। राज्यसभा में एनडीए के पास 113 सांसद हैं और छह मनोनीत सदस्यों का समर्थन है, जबकि विपक्षी गठबंधन के 85 सदस्य हैं। अगर मतदान के दिन राज्यसभा के सभी सदस्य मौजूद हों तो दो तिहाई यानी 164 सदस्य होंगे।

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