ऋषिकेश। परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में आज गोवर्धन पूजा का उत्सव हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस पावन अवसर पर, परमार्थ निकेतन के दिव्य वातावरण में स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती के पावन सान्निध्य में विशेष पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया, जिसमें देश-विदेश से आए सैकड़ों श्रद्धालुओं ने सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि गोवर्धन पूजा का उत्सव न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है बल्कि यह पर्यावरण, सामाजिक एकता, संस्कृति और परंपराओं का भी प्रतीक है। भगवान श्री कृष्ण ने हमें अपने समाज, पर्यावरण और संस्कृति का सम्मान करने और उन्हें सहेजने का भी संदेश दिया। भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर संदेश दिया अहंकार और घमंड किसी का भी हो, वह अंततः टूटता ही है।
उन्होंने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाकर इन्द्र के घमंड को चकनाचूर कर दिया। साथ ही हमें प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सम्मान का मंत्र दिया और कहा कि प्रकृति के संरक्षण में ही संस्कृति और संतति का संरक्षण है।