ग्राम्य विकास कार्यक्रमों और उरेडा विभाग के कार्यों की समीक्षा

बागेश्वर। जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने बुधवार को ग्राम्य विकास कार्यक्रमों और उरेडा विभाग के कार्यों की समीक्षा की। जिलाधिकारी ने जिले में चल रहे विभिन्न ग्रामीण विकास योजनाओं की प्रगति की विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) और अन्य महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षा की।

जिलाधिकारी ने अधिकारियों को इन योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी लाने और यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि योजनाओं का लाभ सही लाभार्थियों तक पहुंचे। जिलाधिकारी ने मनरेगा के तहत रोजगार सृजन की स्थिति पर विशेष ध्यान देने के निर्देश देते हुए कहा कि मनरेगा न केवल रोजगार का एक महत्वपूर्ण स्रोत है, बल्कि यह ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) को और अधिक सशक्त बनाने और उन्हें आजीविका के विभिन्न अवसरों से जोड़ने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि एसएचजी ग्रामीण महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

उन्होंने अधिकारियों को एसएचजी उत्पादों के विपणन और बिक्री के लिए उचित मंच प्रदान करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे सभी विकास कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूरा करें और यह सुनिश्चित करें कि योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचे। ग्राम्य विकास कार्यक्रमों की समीक्षा के उपरांत जिलाधिकारी ने उरेडा विभाग की समीक्षा बैठक ली।

उरेडा अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जिले में सौर ऊर्जा और अन्य नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने के लिए प्रभावी कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा न केवल पर्यावरण के अनुकूल है, बल्कि यह लोगों को बिजली बिलों में भी राहत प्रदान कर सकती है। जिलाधिकारी ने उरेडा अधिकारियों को विभिन्न योजनाओं के बारे में लोगों को जागरूक करने और उन्हें इन योजनाओं से लाभान्वित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए कहा। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि वे विभिन्न योजनाओं के तहत लाभार्थियों के चयन में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करें।

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