देहरादून। राज्य की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्या ने विधानसभा स्थित सभागार कक्ष में विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। मंत्री ने कहा कि विभाग की पूर्व से संचालित योजनाएं तेजी से क्रियान्वित हो रही हैं और लाभार्थियों तक योजनाओं के लाभ सफलतापूर्वक पहुँच रहे हैं।
बैठक में उन्होंने मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना और मुख्यमंत्री महिला एवं बाल बहुमुखी सहायता निधि योजना की भी समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इन दोनों योजनाओं के कार्यान्वयन हेतु शीघ्र रूपरेखा तैयार की जाए। उन्होंने बताया कि एकल महिला स्वरोजगार योजना को कैबिनेट की मंज़ूरी मिल चुकी है, लेकिन इसमें कुछ संशोधन प्रस्तावित हैं जिन्हें विशेष मामले के रूप में मुख्यमंत्री से अनुमोदित कराया जाएगा। मंत्री ने भरोसा जताया कि जुलाई तक इस योजना को धरातल पर लाया जाएगा और प्रदेश की पात्र महिलाओं को इसका लाभ समर्पित किया जाएगा।
महिला नीति पर चर्चा करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि अगली कैबिनेट बैठक में इसे प्रस्तुत करने हेतु विभाग सभी तैयारियां पूर्ण कर ले।
आंगनबाड़ी कार्यकत्री एवं सहायिका भर्ती की समीक्षा के दौरान मंत्री ने निर्देश दिया कि यह प्रक्रिया अप्रैल के अंत तक पूरी कर ली जाए और मई के पहले या दूसरे सप्ताह में नियुक्ति पत्र वितरित कर दिए जाएं। उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 7,000 पदों पर यह भर्ती हो रही है, जो कि महिला स्वरोजगार को बढ़ावा देने की दिशा में एक अहम कदम है।
नन्दा गौरा योजना की समीक्षा में उन्होंने पाया कि अधिकतर लाभार्थियों के खातों में डीबीटी के माध्यम से राशि स्थानांतरित की जा चुकी है। हालांकि, लगभग 200 लाभार्थियों को खाता संबंधी त्रुटियों के कारण भुगतान नहीं हो सका है। उन्होंने इन त्रुटियों को शीघ्र ठीक करने के निर्देश दिए।
महिला कल्याण कोष योजना की समीक्षा करते हुए मंत्री ने कहा कि इस योजना के अंतर्गत बेटियों की शिक्षा, विवाह और दुर्घटना से जुड़े मामलों में अतिरिक्त लाभ दिए जाने पर भी प्रस्ताव तैयार किया जाए, जिससे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सेवानिवृत्ति के अलावा भी सहयोग मिल सके।
आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मोबाइल फोन की मांग को देखते हुए मंत्री ने अधिकारियों से वितरण प्रक्रिया में तेजी लाने और सरकारी सिम उपलब्ध कराने के निर्देश दिए ताकि वे अपने कार्य सहजता से कर सकें।
वन स्टॉप सेंटर योजना की समीक्षा में उन्होंने बताया कि मानव संसाधन की कमी अब पूरी कर ली गई है और सभी केंद्र सुचारु रूप से कार्य कर रहे हैं।
इस बैठक में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के सचिव चंद्रेश यादव, अपर सचिव/निदेशक प्रशांत आर्य, राज्य नोडल अधिकारी आरती बलोदी, और उत्तराखंड महिला एवं बाल विकास समिति से राज्य परियोजना अधिकारी मोहित चौधरी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।