देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के तहत चार धाम यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए पशुपालन विभाग घोड़ों और खच्चरों के स्वास्थ्य परीक्षण में जुटा है। इस प्रक्रिया में श्रीनगर की रोग अनुसंधान प्रयोगशाला में यात्रा में आने वाले घोड़ों और खच्चरों के रक्त सीरम की जांच की जा रही है, जिसमें ग्लैंडर्स और इक्विन इन्फ्लूजा (हॉर्स फ्लू) संक्रमण की जांच हो रही है। अब तक 5,000 से ज्यादा नमूने जांच के लिए प्राप्त हो चुके हैं।
चार धाम यात्रा में तीर्थयात्रियों का सामान लेकर आने वाले घोड़े-खच्चरों की संख्या भारी होती है, और उनमें संक्रमण का खतरा रहता है। वर्षो पहले ग्लैंडर्स और एक्वाइन इन्फ्लूजा जैसे संक्रमण घोड़ों और खच्चरों में पाए गए थे। इन संक्रमणों के फैलने से बचने के लिए पशुपालन विभाग ने विभिन्न बैरियर्स पर जांच की प्रक्रिया शुरू की है।
पहले नमूनों को राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र (एनआरसीई) भेजा जाता था, लेकिन अब यह जांच उत्तराखंड में ही की जा रही है। विभाग के अनुसार, अब तक 3,392 नमूनों की जांच पूरी हो चुकी है। संदिग्ध संक्रमित नमूनों को पुष्टि के लिए एनआरईसी भेजा जाएगा। यदि कोई पशु ग्लैंडर्स से संक्रमित पाया जाता है, तो उसे इच्छामृत्यु दी जाएगी, और यदि ईआई संक्रमण पाया जाता है, तो उसे क्वारंटीन में रखा जाएगा और 14 दिन बाद फिर से जांच की जाएगी।