देहरादून। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने देहरादून के शहीद स्मारक पर आज पत्रकारों से बातचीत करते हुए राज्य आंदोलनकारियों से 16 अप्रैल को देहरादून चलो का आह्वान किया।
धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि राज्य सरकार 10 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर चुप्पी साधे हुए है। उन्होंने आरोप लगाया कि आंदोलनकारियों को नुकसान पहुंचाने के लिए कोचिंग माफिया ने सरकार के इस फैसले को चुनौती दी है, जिसके कारण सैकड़ों राज्य आंदोलनकारियों का भविष्य अंधेरे में जा रहा है।
उन्होंने कहा कि शहीद स्मारक में आज हुई बैठक में इस मुद्दे को लेकर सड़कों पर उतरने का फैसला लिया गया है। आंदोलनकारी अब अपने इस अधिकार के लिए चुप नहीं बैठेंगे। 16 अप्रैल को राज्य शहीद स्मारक कचहरी में जगमोहन सिंह नेगी के नेतृत्व में आंदोलनकारी एकत्रित होकर एसपी कार्यालय देहरादून पर कूच करेंगे।
धीरेंद्र प्रताप ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से अपील की है कि वे इस कोचिंग माफिया पर कड़ी कार्रवाई करें और 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण के फैसले को लागू करें। उन्होंने यह भी मांग की कि दिल्ली, मुंबई और चंडीगढ़ जैसे अन्य स्थानों के उन आंदोलनकारियों को चिन्हित किया जाए, जो राज्य गठन के 25 साल बाद भी चिन्हित नहीं हुए हैं।
बैठक में धीरेंद्र प्रताप, मंच के अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, कर्मचारी कल्याण परिषद के अध्यक्ष संतान सिंह रावत, चिन्हित राज्य आंदोलनकारी संयुक्त समिति के जिला अध्यक्ष विशंभर बौठियाल, आंदोलनकारी पुष्पलता सिलमाना, पूरन सिंह लिंगवाल, राधा तिवारी, विनोद अस्वाल, सूर्य प्रकाश बमराना, पंडित रमेश मधवाल समेत कई अन्य आंदोलनकारियों ने अपने विचार रखे। सभी वक्ताओं ने कोचिंग माफिया के खिलाफ सरकार की खामोशी को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया।