बड़कोट/उत्तरकाशी। यमुना घाटी की गीठ पट्टी के 12 गांवों के आराध्य देव सोमेश्वर (या समेश्वर) देवता के मंदिर के कपाट बैसाखी पर्व पर सोमवार सुबह साढ़े सात बजे धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ खोल दिए गए। अब श्रद्धालु आगामी छह महीनों तक खरसाली स्थित सोमेश्वर देवता के दर्शन कर सकेंगे।
मां यमुना के शीतकालीन निवास स्थान खरसाली गांव में स्थित इस मंदिर में कपाट खुलने की परंपरा के अनुसार बैसाखी से एक दिन पहले विशेष पूजा-अर्चना शुरू कर दी जाती है। यमुनोत्री धाम के समीप गीठ पट्टी के खरसाली, बनास, पिंडकी, मदेश, निसणी, दुर्बिल, कुठार, दागुणगांव, बाड़िया, राना, कुपड़ा और त्रिखली-कुनसाला समेत 12 गांवों में सोमेश्वर देवता को आराध्य देव के रूप में पूजा जाता है।
यमुनोत्री धाम के पुरोहित महासभा के पुरुषोत्तम उनियाल ने बताया कि बैसाखी के दिन सुबह साढ़े सात बजे सोमेश्वर देवता के कपाट खोले गए और मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना संपन्न हुई। यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद सोमेश्वर देवता भी छह महीने के विश्राम में चले जाते हैं, इस दौरान उनके मंदिर के कपाट भी बंद रहते हैं।
रविवार को मंदिर में कपाट खोलने की प्रक्रिया के तहत विशेष पूजा शुरू हो गई थी, जिसमें देवता का अभिषेक कर उन्हें सिंहासन पर विराजमान किया गया। सोमवार सुबह श्रद्धालुओं ने दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया। अपने आराध्य देवता के दर्शन हेतु गीठ पट्टी के 12 गांवों के लोग सोमेश्वर मंदिर में सुबह से ही जुटने लगे थे।
इस पावन अवसर पर पंडा, पुरोहित, सोमेश्वर देवता समिति 12 गांव गीठ पट्टी के अध्यक्ष जयबीर सिंह रावत, सचिव सूरज तोमर, यमुनोत्री के पूर्व विधायक केदार सिंह रावत, बड़कोट नगर पालिका अध्यक्ष विनोद डोभाल, ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि नौगांव अजबीन पंवार, महाबीर पंवार माही, सभी ग्राम प्रधान, प्रशासनिक अधिकारी और स्थानीय श्रद्धालु उपस्थित रहे।