देहरादून। अखिल भारतीय देवभूमि ब्राह्मण जन सेवा समिति द्वारा आज मनभावन पैलेस गुरु रोड देहरादून में होली मिलन एवं कवि सम्मलेन कार्यक्रम आयोजित किया गया। आज के कार्यक्रम में अंतरार्ष्ट्रीय महिला दिवस आयोजन का भी संगम रहा। कार्यक्रम का आरम्भ समिति के अध्यक्ष अरुण कुमार शर्मा व अतिथियों ने दीप प्रज्वलन व परशुराम की आराधना कर किया। समिति अध्यक्ष अरुण शर्मा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा भारत विद्धितता में एकता का देश है वर्ष को विभिन्न ऋतु समाज को अलग अलग संदेश दे प्रेम,समर्पण व भाईचारे का संदेश देती है। आज चारों ओर वसन्त की बहार है प्रकृति ने सम्पूर्ण वातावरण प्रेम व उल्लास के रंग बिखरे हुए है। प्राचीन काल के संस्कृत साहित्य में होली के अनेक रूपों का विस्तृत वर्णन है। श्रीमद्भागवत महापुराण में रसों के समूह महारास का वर्णन है।
अन्य रचनाओं में ‘रंग’ नामक उत्सव का वर्णन है ऋतुसंहार में पूरा एक सर्ग ही ‘वसन्तोत्सव’ को अर्पित है। भारवि, माघ और अन्य कई संस्कृत कवियों ने वसन्त की खूब चर्चा की है। चंद बरदाई द्वारा रचित हिंदी के पहले महाकाव्य पृथ्वीराज रासो में होली का वर्णन है। भक्तिकाल और रीतिकाल के हिन्दी साहित्य में होली और फाल्गुन माह का विशिष्ट महत्व रहा है। भक्तिकालीन में सूरदास, रहीम, रसखान, पद्माकर, जायसी, मीराबाई, कबीर और रीतिकालीन बिहारी, केशव, घनानंद आदि अनेक कवियों को यह विषय प्रिय रहा है। राधा कृष्ण के बीच खेली गई प्रेम और छेड़छाड़ से भरी होली के माध्यम से सगुण साकार भक्तिमय प्रेम और निर्गुण निराकार भक्तिमय प्रेम का वर्णन हुआ है। ब्राह्मण समाज ने सदैव अपने संस्कारो, सभ्यता, संस्कृति व प्रकृति की रक्षा कर एक सभ्य समाज की स्थापना में अपना योगदान दिया है होली के पावन पर्व भी आज ब्राह्मण समाज कवि सम्मलेन के माध्यम से होली मिलन कर साहित्य व संस्कृति की रक्षा का प्रयास कर रहा है।
कार्यक्रम में शिवा आर्ट ग्रुप द्वारा मनमोहक नृत्य कर होली के उल्लास को बढ़ाया। देवभूमि ब्राह्मण नारी शक्ति द्वारा अंतरार्ष्ट्रीय महिला दिवस डॉक्टर नीतू को विज्ञान के क्षेत्र मे, डॉक्टर ज्योति शर्मा को चिकत्सा के क्षेत्र मे, प्रिया गुलाटी, राखी उपाध्यय, विमला गौड़, सुमित्रा ध्यानी, आचार्य सुमन शर्मा, अंजलि नेथानी, गिरिजा सेमवाल, अदिति शर्मा, पुष्पा मिश्रा, पूनम भगत, प्रिया गुलाटी, डॉ सुनंदा कालरा को समाजसेवा के क्षेत्र मे, सोनिया आनंद, उपमा शुक्ला व प्रतिभा श्रीवास्तव को कला के क्षेत्र में योगदान देने के लिए अंग वस्त्र व प्रतीक चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। आभा बड़थवाल, प्रवेश मिश्रा, इंदु ज्योति, अरुण शर्मा ने महिला दिवस पर अपने विचार कर सम्बोधन किया।