नई दिल्ली – विस्तारा एयरलाइंस की बड़ी संख्या में उड़ाने रद्द होने और उड़ानों में देरी होने पर लोगों की नाराजगी के बाद सरकार हरकत में आ गई है। विमानन सेवाओं की निगरानी करने वाला नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने इस मामले का संज्ञान लिया है। दरअसल, हाल के कुछ दिनों में पायलटों की अनुपलब्धता के कारण कई उड़ाने रद्द करनी पड़ी। मंगलवार को जारी बयान में डीजीसीए ने कहा, “मौजूदा स्थिति को देखते हुए एयरलाइन से उड़ानों के रद्द करने और देरी के लिए जानकारी और विवरण की मांग की गई है। डीजीसीए के अधिकारी भी स्थिति पर निगरानी बनाए हुए हैं।”
उड़ानों के रद्द होने और देरी का क्या है कारण
एयर इंडिया और विस्तारा एयरलाइंस के विलय के तहत दोनों कंपनियों के क्रू को एक सैलरी स्ट्रक्चर के तहत लाने की तैयारी हो रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नई व्यवस्था के तहत विस्तारा के पायलट्स को 40 घंटे की उड़ान के बदले तय सैलरी मिलेगी। साथ ही अतिरिक्त घंटे की उड़ान के लिए उन्हें अलग से भुगतान किया जाएगा। विस्तारा के पायलट्स को अभी 70 घंटे की उड़ान के तहत सैलरी दी जाती है। मामले के जानकारों के मुताबिक नए सैलरी स्ट्रक्चर से विस्तारा एयरलाइंस के कई पायलट्स नाराज हो गए हैं क्योंकि इससे उनकी सैलरी में कमी होगी।
आज 70 उड़ाने रद्द होने की आशंका
सोमवार को विस्तारा एयरलाइन की लगभग 50 उड़ानें रद्द की गई है। वहीं लगभग 160 के करीब विमान देरी से उड़े। मंगलवार को करीब 70 उड़ानें रद्द होने की आशंका है। अगर ऐसा होता है तो विस्तारा के यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। मामले की जानकारी रखने वाले लोगों के अनुसार, विस्तारा एयरलाइन 300 से अधिक घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन करती है। विमानन कंपनी प्रभावित यात्रियों का बैकलॉग हटाने के लिए घरेलू मार्गों पर बड़े आकार के ड्रीमलाइनर और एयरबस ए321 तैनात करने की योजना बना रही है।