देहरादून। “जाम-जाम, हर तरफ जाम! अब जाम उत्तराखंड की नियति बन चुका है” — यह कहना है पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत का, जिन्होंने गुरुवार को सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिए राज्य में बढ़ते ट्रैफिक जाम पर चिंता जताई।
हरीश रावत ने लिखा कि वे उन जामों की बात कर रहे हैं जो रोज़मर्रा में सड़कों पर लग रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले दस वर्षों में न तो सड़कों की चौड़ाई बढ़ाई गई, न ही वैकल्पिक मार्गों का विकास हुआ। राज्य की पुलिस के पास ट्रैफिक प्रबंधन के लिए प्रशिक्षित टीमें नहीं हैं, जिस कारण जाम की समस्या हर जगह गंभीर होती जा रही है।
उन्होंने कहा कि हरिद्वार, देहरादून, हल्द्वानी, ऋषिकेश, मसूरी और नैनीताल जैसे शहरों में यातायात की स्थिति चिंताजनक है। पर्यटन सीजन के दौरान सरकार के पास यात्रियों के प्रबंधन की कोई ठोस व्यवस्था नजर नहीं आती, जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है।
रावत ने खास तौर पर कैंची धाम का जिक्र करते हुए कहा कि वहां लगने वाले जाम के चलते अल्मोड़ा, पिथौरागढ़, बागेश्वर, रानीखेत, द्वाराहाट और गैरसैंण जैसे क्षेत्रों में खाद्य आपूर्ति महंगी हो गई है, जिससे स्थानीय लोगों को जीवन-यापन में 5-6% अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ रहा है।