नई दिल्ली। आठवें गोला बारूद और टॉरपीडो सह मिसाइल (एसीटीसीएम) से सुसज्जित नौका, एलएसएएम 22 (यार्ड 132) का जलावतरण समारोह मुंबई स्थित नौसेना डॉकयार्ड में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि फ्लीट मेंटेनेंस यूनिट के ऑफिसर-इन-चार्ज कमोडोर विनय वेंकटरमण थे।ग्यारह एसीटीसीएम बजरों के निर्माण और आपूर्ति का अनुबंध, ठाणे के एमएसएमई शिपयार्ड मैसर्स सूर्यदीप्ता प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड के साथ 05 मार्च, 2021 को किया गया था।
सात एसीटीसीएम बजरों की आपूर्ति पहले ही की जा चुकी है। इस शिपयार्ड को भारतीय नौसेना को चार सुलेज बार्ज के निर्माण और आपूर्ति के लिए भी अनुबंध दिया गया है, जिससे एमएसएमई को प्रोत्साहित करने की भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है।
शिपयार्ड ने इन बजरों को भारतीय जहाज डिजाइनिंग फर्म के सहयोग से स्वदेशी रूप से डिजाइन किया है और इसके बाद नौसेना विज्ञान और प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला, विशाखापत्तनम में सफलतापूर्वक परीक्षण किया है ताकि समुद्र में इसकी योग्यता सुनिश्चित की जा सके। इन बजरों का निर्माण भारतीय नौवहन रजिस्टर (आईआरएस) के नौसेना नियमों के अनुसार किया गया है। ये नौकाएं भारत सरकार की मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत पहल के गौरवशाली ध्वजवाहक हैं। इनके शामिल होने से भारतीय नौसेना की परिचालन प्रतिबद्धताओं को बल मिलेगा क्योंकि इससे जेटी और बाहरी बंदरगाहों पर भारतीय नौसेना के प्लेटफार्मों तक सामग्री/गोला-बारूद के परिवहन, चढ़ाने और उतारने में सुविधा होगी।